Nasheed

आ गए सरकार मेरे आ गए LYRICS

आ गए सरकार मेरे आ गए
हर तरफ़ अब्र-ए-बहारां छा गए

रोशनी फैली है जिनकी अर्श तक
वो ज़िया-ए-आलम-आरा आ गए

बी हलीमा का नसीबा मरहबा
जिनकी कुटिया सैय्यद-ए-बत्हा गए

आज है मस्रूर ख़ल्क़त इस लिए
जान-ए-आदम जान-ए-ईसा आ गए

हर इलाक़ा हर गली क्यों न सजे
आज महबूब-ए-तआला आ गए

नब्ज़-ए-आलम जैसे के थम सी गई
छोड़ कर आलम को जब आका गए

कोई पहुंचे तूर को कोई चरख़ तक
मेरे आका अर्श से बाला गए

आप का सानी नहीं साया नहीं
यकता ही आए थे और यकता गए

क्यों न हों हम शादमां ऐ नजदिया
हम असीरों के सहारा आ गए

क्या लिखे कोई तुम्हारे ख़ुल्क़ पर
क़ल्ब-ए-अदा़ को भी जब तुम भा गए

आप ने जिस को नवाज़ा, बोल उठा
मांगा था क़तरा बहा दरिया गए

ईदों की है ईद बेशक बारहवीं
आला हज़रत हम को ये बतला गए

जश्न-ए-आमद जब किया अय्यूब ने
नजदियों के चेहरे क्यों मुरझा गए

✍️ मुहम्मद अय्यूब रज़ा अमजदी, कोलकाता

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