Nasheed

उनके जो ग़ुलाम हो गए LYRICS


उनके जो ग़ुलाम हो गए,
वक़्त के इमाम हो गए।

फ़ैज़ उनके आम हो गए,
दो जहां ग़ुलाम हो गए।

जब बुलाया आका ने,
ख़ुद ही इंतज़ाम हो गए।

पास वाले देखते रहे,
दूर से सलाम हो गए।

फ़र्श से वो जाकर ता अर्श,
रब से हम कलाम हो गए।

वास्ता जो आपका,
मेरे सारे काम हो गए।

नाम लेवा उनके जो हुए,
उनके ऊँचे नाम हो गए।

मुक़्तदी हैं सारे अंबिया,
मुस्तफ़ा इमाम हो गए।

अंबिया खड़े हैं सफ़ ब-सफ़,
मुस्तफ़ा इमाम हो गए।

मेरे मुस्तफ़ा की शान देखकर,
बादशाह ग़ुलाम हो गए।

सब ब-सब करें हैं सब शहीद,
और हुसैन इमाम हो गए।

वक़्फ़-ए-नात-ख़्वानी-ए-रियाज़,
तेरे सुबह ओ शाम हो गए।

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