ऊँञ पाना मेरे हज़ूर का है LYRICS
ऊँञ पाना मेरे हज़ूर का है,
अर्श जाना मेरे हज़ूर का है।
अर्श से भी परे वो हो आए,
आना-जाना मेरे हज़ूर का है।
शादियाने बजे शब-ए-मे’राज,
आज जाना मेरे हज़ूर का है।
हक़ तआ’ला का जलवा रातों-रात,
देख आना मेरे हज़ूर का है।
बैठे-बैठे मदीना घूम आए,
क्या बुलाना मेरे हज़ूर का है।
देने वाली है ज़ात अल्लाह की,
पर दिलाना मेरे हज़ूर का है।
कब्र का ख़ौफ़ हो मुझे क्यों कर,
वहाँ पे आना मेरे हज़ूर का है।
ग़म न महशर की धूप का है वहाँ,
शामियाना मेरे हज़ूर का है।
काश कहने लगें ये लोग उबैद,
तू दीवाना मेरे हज़ूर का है।
दिल उबैद-ए-रज़ा का है गुलशन,
दिल सजाना मेरे हज़ूर का है।
मैं हूँ तैयार, इंतज़ार ये है,
कब बुलाना मेरे हज़ूर का है।
लाल-ओ-याक़ूत-ओ-नीलम-ओ-मरजान,
हर ख़ज़ाना मेरे हज़ूर का है।
लाल-ओ-याक़ूत-ओ-नीलम-ओ-मरजान,
हर ख़ज़ाना मेरे हज़ूर का है।
भाई-भाई मुहाजिर-ओ-अंसार,
दिल मिलाना मेरे हज़ूर का है।
लाल-ओ-याक़ूत-ओ-नीलम-ओ-मरजान,
हर ख़ज़ाना मेरे हज़ूर का है।
जाम-ए-शीर एक शेर सत्तर ने,
ये पिलाना मेरे हज़ूर का है।