Nasheed
कुछ करे अपने यार की बातें LYRICS
कुछ करे अपने यार की बातें,
कुछ दिल-ए-दाग़दार की बातें।
हम तो दिल अपना दे ही बैठे हैं,
अब ये किया इक्तियार की बातें।
मैं भी गुज़रा हूँ दौर-ए-उल्फ़त से,
मत सुना मुझ को प्यार की बातें।
आहले दिल ही यहाँ नहीं कोई,
क्या करें हाल-ए-ज़ार की बातें।
पीके जाम-ए-महब्बत-ए-जाना,
अल्लाह अल्लाह क़ुमार की बातें।
मर न जाना मत्ता-ए-दुनिया पर,
सुन के तू मालदार की बातें।
यूं न होते असीर-ए-ज़िल्लत तुम,
सुनते गर होशियार की बातें।
हर घड़ी वज़्द में रहे अख्तर,
कीजिए उस दयार की बातें।
मौतदिल सुन्नियों की फ़ितरत है,
करते हैं चार यार की बातें।
फ़ित्ना तफसीलियत का फैल है,
चल करें यार-ए-ग़ार की बातें।
कुछ करे अपने यार की बातें,
कुछ दिल-ए-दाग़दार की बातें।