तू कुजा मैं कुजा, तू कुजा मैं कुजा LYRICS
तू कुजा मैं कुजा, तू कुजा मैं कुजा।
तू अमीर-ए-हरम, मैं फकीर-ए-अजम।
तेरे गुण और ये लब, मैं तलब ही तलब।
तू अता ही अता, तू कुजा मैं कुजा।
तू कुजा मैं कुजा, तू कुजा मैं कुजा।
इल्हाम है जामा तेरा,
कुरान इमामा है तेरा।
मिंबर तेरा अर्श-ए-बरीं,
या रहमत-उल-लिल आलमीन।
तू कुजा मैं कुजा, तू कुजा मैं कुजा।
तू हकीकत है, मैं सिर्फ एहसास हूँ।
तू समंदर, मैं भटकी हुई प्यास हूँ।
मेरा घर ख़ाक पर, और तेरी रहगुज़र,
सिदरत-उल-मुन्तहा, तू कुजा मैं कुजा।
तू कुजा मैं कुजा, तू कुजा मैं कुजा।
अल्लाहुम्मा सल्ले अला सैय्यदिना मुहम्मदीन।
ऐ फ़रिश्तो, वो सुल्तान-ए-मेराज हैं।
तुम जो देखोगे, हैरान हो जाओगे।
ज़ुल्फ तफ़्सीर-ए-व-लैल बन जाएगी।
चेहरा कुरान सारा नज़र आएगा।
मेरे आका, इमाम-ए-सफ़-ए-अंबिया।
नाम पे जिनके, लाज़िम है सल्ले अला।
तू कुजा मैं कुजा, मुस्तफा मुज्तबा।
ख़ातिम-उल-मुर्सलीन, या रहमत-उल-लिल आलमीन।
तू कुजा मैं कुजा, तू कुजा मैं कुजा।
ख़ैर-उल-बशर रुतबा तेरा।
आवाज़-ए-हक़ ख़ुतबा तेरा।
आफ़ाक तेरे समाई।
साइस जिब्रील-ए-अमीं।
या रहमत-उल-लिल आलमीन।
तू कुजा मैं कुजा, तू कुजा मैं कुजा।
तू है एहराम-ए-अनवार बाँधे हुए।
मैं दरूदों की दस्तार बाँधे हुए।
काबा-ए-इश्क तू, मैं तेरे चार सू।
तू असर, मैं दुआ, तू कुजा मैं कुजा।
तू कुजा मैं कुजा, तू कुजा मैं कुजा।