Nasheed
मुरादें मिल रही हैं LYRICS
मुरादें मिल रही हैं शाद शाद उनका सवालि है
लबों पर इल्तिजा है, हाथ में रौज़े की जाली है
तेरी सूरत, तेरी सीरत ज़माने से निराली है
तेरी हर हर अदा पराए दलील-ए-बेमिसाली है
वो हैं अल्लाह वाले जो तुझे वाली कहें अपना
के तू अल्लाह वाला है, तेरा अल्लाह वाली है
फकीरों बे-नवाओं, अपनी-अपनी झोलियां भर लो
के बड़ा बट रहा है फ़ैज़ पर सरकार-ए-आली है
फ़क़त इतना सबब है इनक़ाद-ए-बज़्म-ए-महशर का
के उनकी शान-ए-महबूबी दिखाई जाने वाली है
खुदा शाहिद के रोज़-ए-हश्र का खटका नहीं रहता
मुझे जब याद आता है कि मेरा कौन वाली है
हसन का दर्द ओ दुख मौकूफ फरमा कर बहाली दो
तुम्हारे हाथ में दुनिया की मौकूफ़ी बहाली है