Nasheed
रुत्बा ही कुछ ऐसा है ऊँचा आला हज़रत का LYRICS
रुत्बा ही कुछ ऐसा है ऊँचा आला हज़रत का
दुनिया भर में होता है चर्चा आला हज़रत का।
मेरे आला हज़रत को निस्बत है सरकार से,
तो क्यों न खन खन खनकेगा सिक्का आला हज़रत का।
बातिल को बातिल लिखा और हक़ लिखा इस वास्ते,
सब फतवों पर भारी है फतवा आला हज़रत का।
ऐसा दिन भी आएगा सारी दुनिया देखेगी,
के दुनिया में लहराएगा झंडा आला हज़रत का।
हमको ऐ सज्जाद अब क्या कोई बहकाएगा,
जब तक मेरे सर पर है साया आला हज़रत का।